आज इस पोस्ट में जानेंगे कि cloud computing क्या होता है इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको इस लेख में आसान शब्दों में मिलेगा यदि आप लोग इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस लेख को पढ़ना होगा ,


आज इंटरनेट के बढ़ते कदम को दुनिया को एक नई सा दिशा दिखा रही है लोग अनेक प्रकार से तरक्की कर रहे है, सबसे अधिक विकास इंटरनेट और computer के क्षेत्र में आजकल देखने को दिख रहा है 


अनेक प्रकार के software का विकास कर रहे हैं जिसके कारण सभी लोगों का कार्य आसान बना रहा है, इसी का एक उदाहरण है इंटरनेट के क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग । इसका इस्तेमाल इंटरनेट पर आप अपने data को स्टोर करने में करते हैं, इसके द्वारा हम दुनिया के किसी भी कोने से अपने डेटा को access कर पाने में सक्षम है, 


आजकल इंटरनेट का विस्तार अनेकों क्षेत्र में हो रहा है जिसमें cloud computing बेहतर प्रदर्शन करता है क्लाउड कंप्यूटिंग में आप अपने डाटा जैसे फोटो इमेज वीडियो फाइल रिकॉर्डेड टेक्स्ट फाइल डॉक्यूमेंट आदि फाइलों को अपने कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव में store नही करके Cloud computing में स्टोर कर देते है , 


इसके चलते आपको किसी लोकल हार्ड ड्राइव या मेमोरी की आवश्यकता नहीं पड़ता है इसे internet के द्वारा क्लाउड storage में save कर देते है जिससे आप इसको कही से भी access कर सकते है । ये यह रही इसकी छोटी सी जानकारी लेकिन चलिए अब क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं।


Cloud computing क्या होता है , इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है ।


Cloud Computing क्या है ? What is Cloud Computing in hindi 


Cloud computing internet का एक ऐसा माध्यम है जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल करके विभिन्न प्रकार के कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करता है या कंप्यूटिंग service की प्रक्रिया जिसमें सभी प्रकार के computer से संबंधित डांटा को सेव किया जाता है उसे क्लाउड कंप्यूटिंग कहा जाता है जैसे Network , सॉफ्टवेयर , डाटा फाइल , server ,application , computing resources शामिल होता है , 


यदि हम अपने फाइलों को लोकल computer या पर्सनल कंप्यूटर में store करके रखते हैं तो हमें उस कंप्यूटर पर निर्भर रहना होगा हमें उस डाटा को access करने के लिए उस कंप्यूटर की मदद लेनी होगी जिसमें हमने अपना डाटा स्टोर किया लेकिन यदि आप क्लाउड कंप्यूटिंग के website पर डाटा को store करके रखते हैं, 


तो इसे कहीं से भी access कर सकते हैं किसी दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर से भी आप अपना डाटा को प्राप्त कर सकते हैं क्लाउड सर्विस प्रदान करने वाली बहुत सारे ऐसे कंपनी है जो ग्राहक पर डाटा file application को स्टोर करके रखता है जिसके लिए users कंपनी को पैसा देती है 


फिर आप अपने स्टोर किए हुए डाटा username और password के द्वारा सुरक्षित उस कंपनी में रखते हैं आप से कहीं से भी किसी दूसरे के computer से भी दुनिया के किसी भी कोने से भी इंटरनेट के मदद से अपने डेटा को access कर सकते हैं इसके पूरा maintenance का कार्य कंपनी के द्वारा किया जाता है आपके डाटा को अच्छी तरह से सुरक्षित रखा जाता है , जिससे password के द्वारा connect रखा जाता है । 


Cloud computing मे स्टोरेज की कोई कमी नहीं है यहां पर और सीमित जगह है आप अधिक से अधिक डाटा को सेव करके रख सकते हैं इसके लिए आपको कंपनी के नियम अनुसार payment करने होंगे ।


Cloud computing पर कुछ सीमित strong फ्री दिया जाता है जिसका कोई भी पैसे देने नही होता है लेकिन अधिक से अधिक डाटा को स्टोर करने के लिए आपको एक कंपनी हायर करना होगा जिसके बदले में आपको पेमेंट करना पड सकता है।



Cloud Computing के दैनिक जीवन में उदाहरण क्या है ।


आइए अब जानते हैं की आज के समय में क्लाउड कंप्यूटिंग का प्रयोग किस चीज के लिए हो रहा है इसमें से  polpulat वेबसाइट क्लाउड computing का इस्तेमाल करता है उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं ।


1 Youtube 


YouTube के बारे मे अभी के समय मे कौन नहीं जानता है , यह इतना ज्यादा पॉपुलर वेबसाइट है है की इसके बिना जीवन का अर्थी अर्थ ही व्यर्थ हो जाएगा क्योंकि आजकल छोटे से छोटा काम से लेकर बड़े से बड़ा काम YouTube के माध्यम से आसानी से घर बैठे सभी व्यक्ति करते हैं ,


आप जानते ही हैं की यूट्यूब पर लाखों-करड़ों वीडियो upload किया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि इन सभी वीडियो आखरी स्टोर कहां होता है यूट्यूब में इतना स्टोरेज है कि सभी व्यक्ति का वीडियो अपने पास जमा करके रख लेता है वह कभी भी अपने आप delete नहीं होता है,


 ऐसे में यूट्यूब क्लाउड computig टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है इस टेक्नोलॉजी के कारण उसके पास और असंख्य में वीडियो available है , इसके लिए यूट्यूब cloud computing को पैसे पे करती है , तभी जाकर आज के समय मे कभी भी delete नहीं होने वाला वीडियो यूट्यूब पर स्टोर हो जाता है ।


2 Facebook 


 क्या आप जानते हैं फेसबुक  क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किया जाता है इसमें अरबों profile बने हुए हैं क्या आपको पता है इन सभी प्रोफाइल के लिए इतनी जगह कहां से आता है और उसमें आप जो वीडियो फोटो ऑडियो text फाइल सभी डालते हैं


 वह कहां save है तो उन सभी को सेव करने के लिए फेसबुक क्लाउड कंप्यूटिंग स्टोरेज का इस्तेमाल करता है जिसके कारण इसका डाटा कभी नहीं खत्म होता है आप देखेंगे, कि जिस फोटो को Facebook पर आपने डाल दिया,


 उस फोटो को 10 साल के बाद यदि आप अपना प्रोफाइल खोलेंगे तो उसमें आपको उस फोटो को पाएंगे इन सभी पॉपुलर वेबसाइट क्लाउड कंप्यूटिंग पर अपना डाटा को स्टोर रखता है जिसमें बेहतरीन सिक्योरिटी के साथ आपका डाटा सुरक्षित रहता है।


3  Email 


ई-मेल में भी बहुत सारा ईमेल ऑटोमेटेकली Server आता है यदि आप उसे डिलीट कर देते हैं तो आपका स्टोरेज कुछ खाली हो जाता है ई-मेल में डाटा को store करने के लिए ईमेल के द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग स्टोरेज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है,


 ईमेल online storage देने वाली कंपनी जैसे ड्रॉप बॉक्स मीडिया फायर मेगा गूगल ड्राइव यह सभी कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करता है हालांकि इसमें कुछ सीमित storage दिया जाता है यदि आप उसे पूर्ण तक complete कर देते हैं तो इसके बाद आपको प्रीमियम परचेज करना पड़ता है।


4 Messanger 


मैसेंजर क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है जिसके कारण इस में आने वाले सभी users का डाटा सुरक्षित रहता है वह अपने लॉगइन आईडी और पासवर्ड से इसे कहीं से भी access कर सकता है यह popular वेबसाइट क्लाउड कंप्यूटिंग डिवाइस stroage का प्रयोग करता है।



5 WhatsApp 


व्हाट्सएप मैं आपने देखा होगा की आपकी वीडियो फोटो टेक्स्ट फाइल सभी मोबाइल में save होता है लेकिन आपने यह भी जरूर देखा होगा की व्हाट्सएप में जो आप चैट करते हैं इसका data को WhatsApp सेव करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग स्टोरेज डिवाइस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है।


6 दुनिया में जितने भी पॉपुलर वेबसाइट हैं अधिकतर क्लाउड कंप्यूटिंग इन स्टोरेज डिवाइस टेक्नोलॉजी का ही इस्तेमाल करता है जिससे उसके users के सभी डाटा को अच्छी तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है।



क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास (history of cloud computing in Hindi)



क्लाउड कंप्यूटिंग का आविष्कार 1960 में किया गया था जिस समय इंटरनेट का सही तरह से इस्तेमाल भी नहीं होता था इसीलिए क्लाउड कंप्यूटिंग का सेवाएं 1990 में salesforce नामक कंपनी ने शुरू किया था , इसके बाद धीरे धीरे यह बहुत popular होना शुरू हो गया ,


लोग इनके महत्व को अच्छी तरह समझने लगे ,इसका इसका सबसे ज्यादा विस्तार तब हुआ जब Amazon google Microsoft आदि कई बड़े कंपनी ने क्लाउड कंप्यूटिंग में अपना योगदान देना शुरू किया इसके बाद धीरे-धीरे छोटे-छोटे कंपनी इसका महत्व को समझने लगा और आज सबसे बड़ी storage कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग कहलाने लगा।



क्लाउड कंप्यूटिंग कैसे काम करता है (How to work cloud computing in hindi )



क्लाउड कंप्यूटिंग कैसे काम करता है

Cloud computing dual layers टेक्नोलॉजी पर काम करता है ,इसमें सरवर को एक्सेस करने के लिए एक अलग प्रकार का लेयर बनाया जाता है इसे back end कहते है तथा दूसरी ले यार जिसमें यूजर्स अपना काम करते हैं उसे front end कहा जाता है, 


back end और front end  मिलकर cloud computing का निर्माण करता है , इसमें बहुत server का इस्तेमाल किया जाता है जिससे आपके कंप्यूटर में एक से अधिक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल रहता है ,


 तथा सभी सॉफ्टवेयर में पहले से cloud computing का सर्वर install रहता है इस प्रकार क्लाउड कंप्यूटिंग के server इंस्टॉल रहने से सभी डाटा cloud computing storage में save होते रहता है। इसी प्रकार क्लाउड कंप्यूटिंग काम करता है।



क्लाउड कंप्यूटिंग कितने प्रकार का होता है। (Types of cloud computing in hindi )


क्लाउड कंप्यूटिंग को दो भागों में विभाजित किया गया है जो नीचे लिखे शब्दों में उल्लेखित है।


A  डिप्लॉयमेट के आधार पर 


B cloud service के आधार पर 



A डिप्लॉयमेट के आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग को चार भागों में विभाजित किया गया है।


1 public cloud computing 


पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग प्रत्येक व्यक्ति के लिए फ्री में उपलब्ध होता है तथा यह सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा एक्सेस किया जाता है, सर्विस मॉडल पर आधारित है थर्ड पार्टी क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा internet पर यह सर्विस प्रदान की जाती है,


 जिसे दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर इसका प्रयोग कर सकते हैं और इसे access भी कर सकते हैं पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग इंटरनेट की मदद से कोई भी व्यक्ति या छोटे-मोटे कंपनी इसका इस्तेमाल limit तक free मे कर सकते है ।


2 privte cloud computing 


Private cloud computing system किसी विशेष बिजनेसमैन या कोई बड़ी कंपनी अपने users को सर्विस प्रोवाइड करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है,


 जिसमें कोई भी बिजनेस मैन बड़ी कंपनी अपने डाटा को किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करता है यहां सारा डाटा यूजर आईडी और पासवर्ड के द्वारा सुरक्षित रहता है तथा इसका इस्तेमाल high security  स्टेबिलिटी फ्लैक्सिबिलिटी किया जाता है। 



3 Hybrid cloud computing 


Hybrid cloud computing public cloud computing or private cloud computing को मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है इसका अर्थ यह है कि आप अपने important एप्लीकेशन को प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग में रख सकते हैं,


 और सेकेंडरी एप्लीकेशन को पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग में रख सकते हैं, private application को स्टोर स्टोर करने के लिए प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करते हैं इसी प्रकार के cloud infrastructure को hubrid cloud कहा जाता है ।



4 community cloud computing 


Community cloud computing एक समूहों के लिए इस्तेमाल किया जाता है इस कंप्यूटिंग में उपस्थित समूह को छोड़कर कोई भी व्यक्ति इसे access नहीं कर पाता है ,


जैसे कोई भी सरकारी कर्मचारी के वेबसाइट को उसी दफ्तर के कर्मचारी ही एक्सेस कर पाते हैं, इंडिया गवर्नमेंट के वेबसाइट को केबल इंडिया गवर्नमेंट के प्रमुख व्यक्ति ही इसे access कर सकते हैं।



( B ) cloud service model के आधार cloud computing को तीन भागो में विभाजित किया गया है।



1 IAAS ( Infrastructure as a service )


 IAAS का full form  infrastructure as a service होता है , इस सर्विस के आधार पर यूजर्स अपने क्लाउड इन्फ्राट्रक्चर की पूरी जानकारी प्राप्त रहता है और इसे क्लाउड इन्फ्राट्रक्चर में प्रयोग होने वाले सभी कंप्यूटर रिसोर्स कॉन्फ़िगरेशन को infrastructure लेबल पर manaige कर सकता है,


 यदि कोई कंपनी iaas सर्विस प्रोवाइडर प्राप्त करता है तो उसे क्लाउड सर्विस के तहत उस कंपनी को हार्डवेयर सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम सीपीयू मेमोरी डाटा स्टोरेज नेटवर्क कनेक्टिविटी centre space storage इत्यादि पर नियंत्रित हो जाता है जिससे कंपनी जब चाहे वह अपने हिसाब से इसमें बदलाव कर सकता है।



2 pass ( platform as a service )


Pass का फुल form platform as a service होता है प्लेटफॉर्म as a  सर्विस मैं क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर कस्टमर को एक प्लेटफार्म प्रोवाइड करता है जिसके मदद से कोई भी customer एप्लीकेशन को develop कर सकता है ,


और उस एप्लीकेशन को पब्लिस कर सकता है , इसके साथ ही डिवेलप किए गए एप्लीकेशन को कभी भी mainage कर सकता है , इसमें आपके एप्लीकेशन को run करने में लगने वाले resources procurement, capacity , planning , patching, maintanace apps आदि ,


किसी भी प्रकार की आवश्यकताओं को पूर्ति करता है इसका इस्तेमाल मोबाइल एप्लीकेशन को बनाने के लिए भी किया जाता है। platform as a service को Application platform as a service model भी कहा जाता है ।



3  Saas (Software as a Service)


SAAS का full form (Software as a Service ) होता है , इस सर्विस के द्वारा कस्टमर को किसी भी एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर को उपयोग करने का अनुमति प्रदान करता है , यह pay per use model पर हरित आधारित सॉफ्टवेयर जैसे ईमेल ,adobe, google suite , google document इत्यादि को इंटरनेट पर इस्तेमाल करने का अनुमति प्रदान करता है,


 इसका मतलब यह है कि इन सभी चीजों को चलाने के लिए किसी other सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है, इन सभी एप्लीकेशन को चलाने के लिए किस-किस सरवर का इस्तेमाल हो रहा है यूजर्स को इस से कोई मतलब नहीं रहता है वह इसे आसानी से एक्सेस कर पाते हैं । Software as a service को software Distribution Model भी कहा जाता है ।



क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ ( Advantage of cloud computing in hindi )



1 क्लाउड कंप्यूटिंग में आप अपनी मर्जी के अनुसार इसके स्टोरेज को घटा बढ़ा सकते हैं । 


2 क्लाउड कंप्यूटिंग पर डाटा store करने से आप इसे इंटरनेट के कनेक्शन से दुनिया के किसी भी कोने से access कर सकते हैं।


3 क्लाउड कंप्यूटिंग पर आपको processing पावर अपने हिसाब से जितना चाहे उतना खरीद सकते हैं।


4 क्लाउड कंप्यूटिंग में अपनी जरूरत के अनुसार स्टोरेज को खरीद सकते हैं , कम कीमत पर अच्छा स्टोरेज मिल जाता है जिसमें आप अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।


5 क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करके आप अपनी खर्चों को बचा सकते हैं यानी कि किसी अन्य इन्फ्राट्रक्चर पर इन्वेस्ट करने की आवश्यकता नहीं है।


6 cloud computing मे ऑटोमेटिक डाटा backup की सुविधा उपलब्ध रहता है जिससे आपका डाटा को कोई नुकसान नहीं हो सकता है।


7 cloud computing data store करने के लिए सीमित storage free मे provide  करता है ।


8 क्लाउड कंप्यूटिंग पर unlimited स्टोरेज मिल जाता है।


9 क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल आजकल आईटी कंपनी अधिकतर कर रही है।


10 Cloud computing से किसी भी सॉफ्टवेयर को डेवलप किया जाता है ।


11 बड़े-बड़े वेबसाइट और पॉपुलर एप्लीकेशन क्लाउड कंप्यूटिंग स्टोरेज का इस्तेमाल करता है।



Cloud computing का Nuksan  ( disadvantage of cloud computing )


1 cloud computing पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर है जिसके कारण यह फायदेमंद होने के साथ-साथ नुकसानदायक भी है यदि इंटरनेट का कनेक्शन slow हो जाए तो व्यवसायिक उतने समय के लिए रुक जाता है


2 क्लाउड कंप्यूटिंग पर privacy और secure के लिए पूरी तरह से भरोसा करना सही नहीं है इसलिए बड़े-बड़े कंपनी अपना अलग एक सिक्योरिटी इस्तेमाल करता है।


3 कभी-कभी cyber attack का भी खतरा रहता है इसलिए इसमें हमेशा सूज buj के साथ active रहना पड़ता है।


4 कभी-कभी क्लाउड कंप्यूटिंग डाटा mainagement के लिए काम नहीं करता है ।


5 क्लाउड कंप्यूटिंग के सर्वर डाउन हो जाने के कारण सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के कार्य पर नियंत्रण नहीं रह जाता है ।


6 क्लाउड कंप्यूटिंग को इस्तेमाल करने से पहले इसके बारे में पूरी तरह जानकारी लेने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें क्योंकि यह जितना फायदेमंद है उतना नुकसान भी पहुंचा सकता है।


7 क्लाउड कंप्यूटिंग के कारण एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर में कभी-कभी error होने लगता है ।



क्लाउड कंप्यूटिंग की विशेषताएं क्या है।


क्लाउड कंप्यूटिंग की विशेषताएं क्या है।


क्लाउड कंप्यूटिंग की कुछ विशेषताएं इस प्रकार है जो आप लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है नीचे लिखे कथनों में उल्लेखित है। 



A Resource Availability 


Cloud computing का मकसद यह है की इसे हरेक यूजर्स तक पहुंचना अवश्य है , उपयोगकर्ता अपनी डिमांड के अनुसार फिजिकल और वर्चुअल रिसर्च के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाने के लिए बाध्य है ,जिसे resource polling भी कहा जाता है ।



B On demand service 


यूजर्स अपने अनुसार कम्प्यूटिंग रिसोर्स का उपयोग करता है जैसे storage space , database, virtual machine , इत्यादि का उपयोग बिना सर्विस के इन्हें इस्तेमाल कर सकता है ।


C instant money 


उपयोगकर्ता अपनी जरूरत के हिसाब से सिर्फ उतना ही भुगतान करता है जितना संसाधन को खरीदने के लिए पैसे देने पड़ते हैं इसमें किसी भी प्रकार का एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाता है।


D Capacity 


बड़े बड़े कंपनी आवश्यकताओं के अनुसार क्लाउड कंप्यूटिंग में अपने डेटा को लिए service को आसानी से घटा भी सकता है और बड़ा भी सकता है क्लाउड कंप्यूटिंग व्यवस्थित करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहता है।


E Easy maintenance 


क्लाउड कंप्यूटिंग में सरवर का रखरखाव करना बहुत ही आसान होता है इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग को बार-बार update करना जिसके लिए बची हुई कमियों को ठीक किया जा सके।



F Broad Network 


क्लाउड कंप्यूटिंग में नेटवर्क को एक्सेस करने के लिए सिर्फ एक डिवाइस और इंटरनेट connection की जरूरत पड़ती है फिर आप इसे दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर आसानी से इस network को access कर सकते हैं।



निष्कर्ष 


हमें उम्मीद है कि cloud computing क्या है इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़ी सभी जानकारी आसान शब्दों में इस लेख में लिखा गया है यदि फिर भी कोई शब्द समझने में कठिनाई महसूस हुआ है 


तो आप हमें comments करके बता सकते हैं हम उन्हें अच्छी तरह आपके सामने प्रस्तुत करेंगे मुझे आशा है कि मेरे द्वारा लिखा गया यह पोस्ट cloud computing क्या है


 आपको बहुत पसंद आया होगा इसे अधिक से अधिक लोगों तक share करें साथ ही social media के माध्यम से अपने दोस्तों के बीच पहुंचाएं इसी तरह के लेख के लिए हमें follow कर सकते हैं।



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