आज इस लेख में अकबर और बीरबल की कहानी के बारे मे जानेंगे जो आपको बहुत ही प्ररित करेगा हमे उम्मीद हैं की इस लेख को अवश्य पढ़ेगै , तो चलिए बिना देर किए शुरू करते है अकबर और बीरबल की कहानी 


बुरी आदत अकबर और बीरबल की कहानी 




अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर और बीरबल की कहानी

बीरबल को तम्बाकू चबाने की बहुत बुरी आदत थी । अक्सर उसे तम्बाकू चबाते देखा जाता था ,बादशाह अकबर को भी बीरबल की यह आदत पसंद न थी।

एक दीन बादशाह सैर पर निकले हुए थे तभी वे ऐसे खेत के पास से होकर गुजरे , जहा तम्बाकू के पैधो लगे थे , उन्ही पैधो के पास एक गधा भी खरहा था ,उसने पौधों को सुंघा और आगे बढ़ गया ।

गधे को ऐसे करते देख बीरबल से बोला अकबर ,देख तुमने तम्बाकू कितनी बुरी चीज है गाहे तक उसे खाना पसंद नहीं करते ।

सुनकर बीरबल ने चुपचाप तम्बाकू को पोटली निकली और थोरा तम्बाकू मुह मे डालता हुआ बोला , जी जहापनाह , आप बिल्कुल ठीक ही कहते है, गधे ही तम्बाकू नहीं खाते ।

बादशाह को जब बीरबल की बात समझ मे आई तो मुस्कुराने लगे ,

उगले दीन सुबह जब बादशाह व बीरबल पुनः सैर पर निकले तो मौसम बेहद ठंढ था ।

अकबर बोले , आज ठंढ कुछ ज्यादा नहीं है क्या ?

जी जापनाह , आज दो मुट्ठी भर ठंढ है बीरबल बोला

इसका क्या मतलब हुआ भला बादशाह ने पूछा

अकबर ने सामने देखा तो एक आदमी ठंढ से कांपता मुठिया भींचकर बगल मे दबाई तेजी से जा रहा था ।

तब अकबर को समझ मे आ गया की बीरबल ने यहाँ चोट की है 

बीरबल की चतुराई देखकर बादशाह मन ही मन उनकी प्रशंसा करने लगे।

 

 

अपबित्र ब्रश अकबर और बीरबल की कहानी 

 

बादशाह के अधिकांश दरबारी इस्लाम को मानने वाले अर्थात मुस्लिम थे और बीरबल हिन्दू थे , इसलिय सभी दरबारियों तथा स्वयं बादशाह ने यह तय किया की क्यों न बीरबल को भी मुस्लमान बना दिया जाय ।

एक दीन जब बीरबल दरबार में व्यस्त था तो बादशाह बोले , कल महल में बढ़े खाने महाभोज का आयोजन है ,तुम्हे भी शामिल होना होगा ,

बीरबल जो उस समय काम में व्यस्त था ,बोला , जो हुक्म जहापनाह ।

थोरही ही देर में उसने अपनी गलती का आभास हुआ लेकिन तब तक देर हो चुकी थी , उसे अगले ही दीन महाभोज पर जाना ही हुआ ,

जब खाना पेश हुआ तो बीरबल बोला हुजुर हम हिन्दू लोग खाना खाने के पहले इश्वर का नाम लेता है 

और मन्त्र पढ़कर पवित्र जल का छिढ़काव करते है ,बिना ऐसा किय हम खाना नहीं खाते , अत: मैं ऐसा करने की इजाजत चाहता हु ?

 

बादशाह ने हामी भरी तो बीरबल ने कुछ मंत्र बुदबुदाते हुए खाने के व्यंजनों पर एक ब्रश की सहायता से पानी छिढ़का ,

यह देखकर सभी मुस्लिम दरबारी गुस्से मे भर आये क्योकि पानी छिरकने में जिस ब्रश का प्रयोग किया था , वह सूअर के बाले का बना था , और इस्लाम में सूअर को अपवित्र जीव माना जाता है ,

 

उन्हें लगा की खाना अपवित्र हो गया और सभी नाराज होकर भला बुरा कहने लगा और वह से चले गये .

यह देखकर बीरबल बोला , जहापनाह मैंने आपकी इजाजत लेकर ही ऐसा किया था अत : सभी दरबारियों ने खाना छोरकर मेरा अपमान किया है ,

और जहा मेरा अपमान होता है मैं वहा खाना नहीं खाता हु , कहकर बीरबल खाना छोढ़कर घर चल दिए

बादशाह अकबर भी समझ गए की बीरबल ने क्या खूब चाल चली है



अंधे ज्यादा या आंखो वाले अकबर और बीरबल की कहानी 


एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा अच्छा बीरबल जरा बताओ तो इस दुनिया में किन की संख्या अधिक है जो देख सकते हैं या जो देख नहीं सकते हैं,
 बीरबल बोला -इस समय तुरंत तो आपके इस सवाल का जवाब देना मेरे लिए संभव नहीं है ,

लेकिन मेरा विश्वास है कि अंडों की संख्या अधिक होगी बजाए देख सकने वालों की।

बादशाह ने कहा कि तुम्हें अपनी बातचीत करके दिखानी होगी बीरबल ने बादशाह की चुनौती स्वीकार कर ली ।

 अगले दिन बीरबल बीच बाजार में एक बिना बनी हुई चारपाई लेकर बैठ गया और उसे बुनना शुरू कर दिया उसके अगल-बगल दो आदमी कागज कलम लेकर बैठे हुए थे,

 थोड़ी ही देर में वहां भीड़ इकट्ठा हो गई या देखने के लिए की क्या हो रहा है वहां मौजूद हर व्यक्ति ने बीरबल से एक ही सवाल पूछा बीरबल यह तुम क्या कर रहे हो ।

बीरबल के अलग-अलग बैठे दोनों आदमी ऐसा सवाल करने वालों का नाम पूछ पूछ कर लिखते जा रहे थे।

जब बादशाह के कानों में यह बात पड़ी कि बीच बाजार में बैठकर बीरबल चारपाई बोल रहा है तो वह वहां भी जा पहुंचे और वही सवाल किया यह तुम क्या कर रहे हो,

बीरबल कोई जवाब दिए बिना बीरबल के अपनी बगल में बैठे एक आदमी ने बादशाह अकबर का नाम भी लिख लेने को कहा।

तभी बादशाह ने एक आदमी के हाथ में थमा कागज का पुलिंदा ले लिया उस पर लिखा था अंधे लोगों की सूची लेकिन इसमें मेरा नाम क्यों लिखा है,

 पूछा बादशाह अकबर ने बीरबल बोला जा पनाह आपने देखा कि मैं चारपाई बुन रहा हूं फिर भी आपने सवाल पूछा कि यह क्या कर रहे हो,

बीरबल फिर बादशाह ने देखा कि उन लोगों की सूची में से एक भी नाम नहीं लिखा था जो देख सकते हैं लेकिन अंधे लोगों की सूची का पुलिंदा बेहद भारी था,

 बीरबल ने कहा हुजूर अब तो आप मेरी बात से सहमत होंगे कि दुनिया में अंधे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।

बीरबल की चतुराई पर बादशाह मंद मंद मुस्कुरा दिए।


सागर का विवाह अकबर और बीरबल की कहानी 


एक बार ना जाने क्यों बादशाह अकबर अकारण ही बीरबल से नाराज हो गया उन्होंने मंत्री पद भी उससे छीन लियाा

बीरबल चुपचाप बिना किसी को कुछ बताएं देश छोड़कर चला गया लेकिन जल्दी ही बादशाह को बीरबल की कमी खा लेने लगी,

वह मौके पर मौके उसे याद भी कर लेते वह फिर से बीरबल को दरबार में देखना चाहते थे उन्होंने बीरबल को ढूंढा निकालने के लिए चारों दिशाओं में अपने आदमी दौड़ आए लेकिन बीरबल का कहीं पता ना चला ,

आखिरकार बादशाह को एक उपाय सूझा उन्होंने सभी पड़ोसी देशों के राजाओं को निमंत्रण भेजा निमंत्रण पत्र में कुछ इस प्रकार का संदेश लिखा था,

हमारे देश के समुद्र की शादी है आप सभी इस मौके पर अपने अपने देश की नदियों को हमारे यहां भेज दें शोभा बढ़ाने के लिए,

सभी राजा ऐसा विचित्र निमंत्रण पाकर हैरान रह गए लेकिन अकबर चुकी बादशाह थे इसलिए उसकी बात मानना जरूरी भी था,

केवल एक ही राजा के यहां से निमंत्रण पत्र का जवाब भेजा गया लिखा था "हमारे देश की नदियां तो आपके देश के समुद्र के विवाह में आने को तैयार है लेकिन वह चाहती है कि आपके देश के कुएं राजधानी के द्वार पर उनका स्वागत करें" 

चतुराई भरे इस उत्तर को पढ़कर बादशाह समझ गए कि बीरबल इसी राजा के देश में मौजूद है उन्होंने अपना दूत वहां भेजा तो बीरबल वहां मिला , 

दूत ने बीरबल को बादशाह का संदेश दिया वह दूत बीरबल को पुनः बादशाह के दरबार में दिल्ली ले गया,

बादशाह ने बीरबल से क्षमा याचना किया और उसकी मंत्री पद भी बहाल कर दिया बीरबल की इसी सूज भुज के लिए अकबर महत्व देते थे बीरबल को

 

निष्कर्ष

हमें उम्मीद है कि मेरी टीम द्वारा लिखा गया या पोस्ट अकबर बीरबल की कहानी आपको बहुत पसंद आया होगा यदि किसी भी प्रकार का आपके मन में कोई सुझाव है तो आप हमें कमेंट करके अवश्य बताएं इसके साथ ही इसे अधिक से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम पिंटरेस्ट इत्यादि शेयर जरूर करें इसी तरह के और अधिक कहानी पढ़ने के लिए हमे फॉलो अवश्य करें ।


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