यह एक प्रार्थना गीत है जिसमे दर्द मंद और बांचितो की हिफाजत का संकल्प है तथा खुद को बुराई से बचाकर नेक राह पर चलने की दुआ मांगी गई है ।
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी
जिंदगी शम की सूरत हो खुदाया मेरी
दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाय
हर जगह मेरे चमकते से उजाला हो जाय
हो मेरे दम से यू ही मेरे वतन की जीनत
जिस तरह फूल से होती है चमक की जीनत
जिंदगी हो मेरे परवाने की सूरत या रब
इल्म की शम से हो मुझको महोब्बत या रब
हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना
दर्द मंदो से जाईफा से मुहब्बत करना
मेरे भगवान बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो , उस रह पे चलाना मुझको
" मो इकबाल "
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