आज इस लेख में आप लोगों को इंटरनेट क्या है इंटरनेट के विभिन्न प्रकार क्या है यह हमारे दैनिक जीवन पर किस प्रकार प्रभाव डालता है इससे संबंधित सभी प्रकार की प्रश्नों का उत्तर आसान शब्दों में इस लेख में मिलेंगे मेरी आशा है ,
कि इंटरनेट के अधिक से अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अवश्य पढ़ें क्योंकि आजकल इंटरनेट का इस्तेमाल सब कोई करता है लेकिन अधिकतर लोग इसका इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए करते हैं इसे एक मनोरंजन साधन बना दिया गया है लेकिन वही बहुत सारे लोग इससे अधिक से अधिक लाभ भी प्राप्त करते हैं जो हम लोगों को काफी मदद भी पहुंचाता है।
इंटरनेट एक बहुत बड़ा नेटवर्क का संग्रह होता है जहां पर सभी नेटवर्क एक दूसरे से एक साथ जोड़ते हैं यह एक ग्लोबल नेटवर्क के जरिए इस जानकारी को दूसरी जानकारी तक आसानी से पहुंच जाता है इंटरनेट की सहायता से हम लोग मीडिया फाइल टेक्स्ट इमेज वीडियो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन MP3 ऑडियो इत्यादि बिना किसी वायर के एक जगह से दूसरी जगह भेजते हैं और यह आसानी से एक दूसरे से दूसरे जगह आपके पर्सनल इंफॉर्मेशन को बिना किसी हानि के पहुंचाता है ।
इंटरनेट पूरी दुनिया में आपके इंफॉर्मेशन हो को लेकर घूमता हुआ आप के बताए गए एड्रेस पर आसानी से पहुंच जाता है यह काम रूटर और सर्वर के जरिए एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ता है एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर तक मैसेज पहुंचाने का कार्य इंटरनेट प्रोटोकोल के द्वारा किया जाता है यह रहे इंटरनेट के छोटी सी जानकारी और आजकल इंटरनेट का इस्तेमाल कहां कहां किया जा रहा है।
वह तो आप लोगों को अच्छी तरह से पता ही है क्योंकि आप लोग इसका इस्तेमाल तो अवश्य कर रहे हैं क्योंकि आज के समय में कोई भी व्यक्ति बिना इंटरनेट नहीं रह सकता यह धीरे-धीरे मनुष्य का एक अभिन्न अंग बनते जा रहा है तो चलिए इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी इस लेख में आपको मिलेंगे तो बिना देर किए शुरू करते हैं इंटरनेट क्या है यह हमारे दैनिक जीवन को किस प्रकार लाभान्वित करता है।
इंटरनेट क्या है? What is internet in hindi
इंटरनेट का संपूर्ण जानकारी हिन्दी में |
इंटरनेट के बारे में आप लोग तो जानते ही हैं कि इसका इस्तेमाल आप लोग कहां-कहां कर सकते हैं इसका इस्तेमाल करते हैं उसके बारे में तो आप लोग अच्छी तरह जानते हैं लेकिन इसके अधिक जानकारी इसमें मिलेंगे सबसे पहले इंटरनेट एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने का माध्यम होता है,
एक मोबाइल को या किसी device को इंटरनेट के उपग्रह से जोड़ने का एक माध्यम होता है या यूं कहें कि आपके कंप्यूटर और मोबाइल में आपके लोकल एरिया में अवस्थित इंटरनेट का टावर एक दूसरे से इंटरनेट के माध्यम से जुड़ता है ,
यह एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने का कार्य सरवर और रूटर के माध्यम से करता है , यह अपने सूचनाओं का आदान प्रदान इंटरनेट प्रोटोकॉल के माध्यम से 2 कंप्यूटरों के बीच इंफॉर्मेशन डाटा एक दूसरे से कनेक्ट करता है इंटरनेट पर हम जो भी सेवाओं का आनंद लेते हैं वह सभी सेवाएं पहले से इंटरनेट पर मौजूद होता है जिसके कारण हम लोग उन सभी सेवाओं का आनंद उठाते हैं मान लीजिए आपने कोई चीज है इंटरनेट से पूछा है तो जब तक इंटरनेट के पास पहले से इसका जवाब नहीं मौजूद होगा तो आपको जवाब कैसे देगा।
इसीलिए बहुत व्यक्ति अपना-अपना आंसर लिखकर इंटरनेट के सर्वर पर अपलोड कर दिया जाता है जिसे हम लोग वेबसाइट के रूप में जानते हैं कोई भी वेबसाइट इंटरनेट पर तभी मौजूद रहता है जब जब उसे हम लोग इसके सर पर पर अपलोड करते हैं और इसे अपलोड करने के लिए हमसे कुछ पैसे भी डिमांड करता है फिर बाद में हम अपनी वेबसाइट से लाखों रुपए अभी तुम आ सकते हो इस प्रकार इंटरनेट हमारे लिए उपयोगी साबित होता है इसमें कई प्रकार के सेवाओं का आनंद हम लोग उठाते हैं ।
उन सभी सेवाओं को पहले से किसी ना किसी व्यक्ति के द्वारा इंटरनेट पर अपलोड कर दिया जाता है इसीलिए हम लोग उसका लाभ उठाते हैं इंटरनेट से किसी भी डिवाइस को कनेक्ट करने के लिए पहले से इसके द्वारा एक नेटवर्क स्थापित कर दिया जाता है फिर हम लोग आसानी से इसका उपयोग करते हैं चलिए उसके विभिन्न प्रकार के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या होता है?
इंटरनेट का full form:- interconnected network होता है ?
इंटरनेट का हिंदी में नाम क्या होता है?
दरअसल इंटरनेट इंटरनेट का अंग्रेजी का शब्द होता है जिसे internetworked से लिया गया है , और इंटरनेट का हिंदी मैं अंतरजाल कहा जाता है यह लाखों करोड़ों कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ने का सबसे बड़ा जाल होता है जिसे सामान्य भाषा में महाजाल या अंतरजाल भी कर सकते हैं?
इंटरनेट का इतिहास history of internet in hindi
इंटरनेट दुनिया में 1960 ईस्वी में सबसे पहला प्रयोग किया गया था इसके बाद इसका प्रयोग काफी अधिक तक बढ़ता चला गया और अभी भी काफी अधिक तक बढ़ते ही जा रहा है इंटरनेट का सबसे तेज गति 1969 में गुप्त सूचनाओं का आदान प्रदान बहुत तेजी से किया जाने का काम होने लगा था ।
फिर इसकी आवश्यकता के अनुसार इसमें काफी वृद्धि हुई दरअसल इंटरनेट का आविष्कार सबसे पहले एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क ARPANET के द्वारा किया गया था सबसे पहले यह अमेरिका के रक्षा विभाग में 1969 ईस्वी में अपना प्रदर्शन करना शुरू किया शुरुआत में इसका इस्तेमाल कंप्यूटर के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक गुप्त सूचनाओं का आदान प्रदान करने लगा सबसे पहले इसे ARPANET के नाम से जाना जाता था।
फिर बढ़ते टेक्नॉलॉजी के दुनिया में यू एस यूनिवर्सिटी के करीब 5 कंप्यूटर को एक साथ हैं जोड़ने का काम किया गया था इसके बाद 1972 के आसपास दुनिया के 23 NODE और अलग-अलग देशों के साथ जुड़ चुका था बाद में इसका नाम इंटरनेट रखा गया था सबसे पहले इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता था जब समय के साथ इसमें बदलाव आया और पब्लिक नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है जिससे सभी आम लोगों तक इस्तेमाल करने का एक जरिया बन गया पहले इस्तेमाल नेटवर्क के द्वारा किया जाता था क्योंकि उसमें गुप्त सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता था
इंटरनेट को किसके द्वारा खोजा गया था ?
वैसे तो देखा जाए इंटरनेट को खोज पाना किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं है इसमें बहुत सारे व्यक्ति और वैज्ञानिक मिलकर इस कार्य को संपन्न किया है सबसे पहले इंटरनेट 1957 में कोल्ड वार के समय अमेरिका ने एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी की स्थापना के उद्देश्य से एक ऐसी टेक्नोलॉजी का आविष्कार किया जिसे युद्ध के समय में एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से आसानी से जोड़ा जा सके यहां से आप इंटरनेट का अंदाजा लगा सकते हैं कि किस प्रकार इंटरनेट का आविष्कार हुआ है।
एक कबूतर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने वह भी बिना तार के मदद से सभी प्रकार के डाटा फाइल ट्रांसफर करना इसके द्वारा आसानी से किया जाने लगा जब इस एजेंसी में इंटरनेट की स्थापना 1969 ईस्वी में किया तब उस समय इसका नाम ARPANET था जो कि किसी भी कंप्यूटर को एक दूसरे से एक बेहतर सुविधा के लिए एक दूसरे से जोड़ा जाने लगा इसके बाद समय बीतता चला गया और 1980 आते आते इसका नाम इंटरनेट हो गया जिसका इस्तेमाल आज हम लोग आसानी से कर रहे हैं।
इंटरनेट की शुरुआत कब हुई ?
जनवरी 1983 के बाद इंटरनेट का बेहतर तरीका से शुरुआत किया गया, उस समय इसे NETWORK OF NETWORK कहा गया है बाद में इसका नाम इन्टरनेट रखा गया। 1983 के बाद बहुत सारे रिसर्च करने के बाद इसका इस्तेमाल आसानी पूर्वक किया जाने लगा फिर आज के समय में इसका महत्व के बारे में तो आप लोग जानते ही हैं।
भारत में इन्टरनेट कब लॉन्च किया गया?
14 अगस्त 1995 को भारत में इंटरनेट वीएसएनएल के द्वारा लॉन्च किया गया जो सभी व्यक्तियों के लिए प्रयोग होने लगा यह सेवा 1996 आते आते हैं सभी आम लोगों तक आसानी से पहुंचना शुरू हो गया उस समय इस्पीड की थोड़ी बहुत प्रॉब्लम थी जिसके कारण लोग इससे मजबूर हो जाते थे, उस समय भारत में इंटरनेट के माध्यम से केवल 20 से 30 कंप्यूटर ही जोड़ पाते थे और इंटरनेट का बजट भी बहुत ज्यादा था और स्पीड को लेकर बहुत सारे प्रॉब्लम्स थे।
इन्टरनेट कैसे कार्य करता है?
चलिए आज जानते हैं कि इंटरनेट आखिरकार कैसे कार्य करता है यदि आपके मन में भी इस तरह के प्रश्न है तो आप इसे जरूर पढ़ें सबसे पहले तो मैं आप लोगों को बता दूं कि इंटरनेट किसी भी प्रकार की सेटेलाइट के माध्यम से कार्य नहीं करता है हां कुछ हद तक कहा जा सकता है कि नेटवर्क को स्थाई बनाने के लिए सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इंटरनेट का उपयोग ऑप्टिकल फाइबर केबल के द्वारा आसानी से हम लोगों तक बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा पहुंचाया जाता है।
ऑप्टिकल फाइबर केबल को सबमरीन केबल कहा जा सकता है अब आप लोगों के मन में यह प्रश्न हो तो होगा कि तो इंटरनेट में एयरटेल जिओ आइडिया वोडा इन सभी कंपनियों का क्या कार्य है दरअसल ऑप्टिकल फाइबर केबल एक कार की तरह होता है जो समुद्र के अंदर पूरे विश्व भर में बड़े-बड़े कंपनी फैला रखा है इन्हीं केबल कार एक जगह जगह ऑफिस बनाया गया है जो एक दूसरे से आसानी से कनेक्ट रहते हैं यही बड़े-बड़े कंपनी आइडिया वोडा जिओ एयरटेल रिलायंस बीएसएनएल इत्यादि को अपने हिसाब से डाटा का स्थानांतरण करता है।
फिर हम लोग आइडिया वोडा जैसे कंपनी से प्रति जीबी के हिसाब से इंटरनेट खरीदते हैं अब शायद आपको समझ में आ गया होगा कि इंटरनेट कैसे करता है दरअसल इंटरनेट मैं एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर के नेटवर्क से कनेक्ट होते हैं यह उन्हीं नेटवर्क को कनेक्ट करता है जो इंटरनेट के साथ गेटवे के द्वारा स्थापित किया रहता है सभी कंप्यूटर नेटवर्क एक दूसरे के साथ आसानी से कम्युनिकेट करते हैं और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल या इंटरनेट प्रोटोकोल के द्वारा एक्सेस किया जाता है जिसके कारण इंटरनेट के द्वारा सभी प्रकार की डाटा ट्रांसमिशन का आसानी से हम लोग इस्तेमाल कर पाते हैं।
ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल और इन्टरनेट प्रोटोकॉल क्या होता है?
ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल यह एक बड़े मैसेज को छोटे-छोटे टुकड़ों में ब्रेक करके इंटरनेट में ट्रांसमिट करता है फिर बाद में इसका रिअसेंबल भी किया जाता है जो इंटरनेट के द्वारा ओरिजिनल मैसेज को रिसीव करके हम लोगों को अपनी भाषा में समझाता है।
Internet protocol सभी प्रकार के एड्रेस पाठ को आसानी से एक्सेस करता है और आपके द्वारा भेजे गए सभी डाटा को सही एड्रेस तक पहुंचाने का कार्य करता है प्रत्येक गेटवे इस एड्रेस को वेरीफाई करता है की यह मैसेज फॉरवर्ड किया जा रहा है कि नहीं।
इंटरनेट कितने प्रकार का होता है? Types of internet in hindi
इंइंटरनेट को आज के समय में तीन भागों में बांटा गया है चलिए उन तीनों के बारे में आसानी से एक-एक करके जानकारी प्राप्त करते हुए इसके साथ ही आपको यह भी समझ में आ जाएगा कि इन तीनों में अंतर क्या है तो चलिए शुरू करते हैं।
intranet
Intranet एक प्राइवेट नेटवर्क है जो किसी पर्सनल इंटरप्राइजेज में देखने को मिलता है आमतौर पर इसमें देखा जाए तो बहुत सारे इंटरलिंक लोकल एरिया नेटवर्क मौजूद होते हैं इसका सबसे प्रमुख कार्य यह होता है कि किसी भी कंपनी का इंफॉर्मेशन और कंप्यूटिंग रिसर्च को अपने इंप्लाइज के बीच आसानी से शेयर करना और वर्किंग ग्रुप के बीच बेहतर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना, बैंकों के नेटवर्क को इसके अंदर जोड़ सकते हैं किसी कंपनी का एक शाखा और किसी दूसरी जगह स्थित दूसरी शाखा को आपस में डाटा शेयरिंग किया जाता है इसे एक्सेस करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड की आवश्यकता होती है।
extranet
एक्स्ट्रा नेट भी एक प्राइवेट नेटवर्क होता है जो किसी भी पब्लिक नेटवर्क के सहायता से किसी भी प्रकार के इंफॉर्मेशन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से शेयर करता है इसके साथ ही इसे एक्सेस करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड की आवश्यकता होती है इसका मुख्य कार्य एक शाखा से दूसरे शाखा के बीच ऑनलाइन डाटा को एक्सेस करना और किसी भी इंफॉर्मेशन को भेजना होता है अधिक से अधिक दूरी रहने के बाद भी इसमें एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर से आसानी से जुड़े रहते हैं ।
internet
इंटरनेट के बारे में तो आप लोग जानते ही हैं सिंपल इसके बारे में जान लीजिए कि यदि आपके पास नेटवर्क और थोड़े बहुत इंटरनेट खरीदने का पैसा है तो आप इसे आसानी से चला सकते हैं इसमें बहुत सारे कंप्यूटर एक दूसरे के साथ आसानी से जुड़े रहता है और इसका उपयोग कोई भी कर सकता है।
Internet और intranet में क्या अंतर होता है ?
Internet किसी भी अनलिमिटेड इंफॉर्मेशन को आसानी से कहीं से भी देख सकता है जबकि इंट्रानेट को केवल ऑर्गनाइजेशन के अंदर ही देख सकते है।
Internet को एक्सेस करने के लिए किसी भी प्रकार का यूजर आईडी और पासवर्ड की आवश्यकता नहीं होता है और इसे कहीं से भी आसानी से एक्सेस कर सकते हैं जबकि इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड की आवश्यकता होती है जो ऑर्गेनाइजेशन के पास ही होता है।
इंटरनेट एक पब्लिक नेटवर्क होता है जो सभी के लिए आसानी से मौजूद रहता है जबकि इंट्रानेट एक प्राइवेट नेटवर्क होता है यह सभी के लिए अबलेबल नहीं होता है।
इंटरनेट कम safe होता है जबकि intranet बहुत ज्यादा safe होता है।
इंटरनेट के द्वारा बहुत सारे कंप्यूटर का नेटवर्क एक दूसरे से जुड़ा रहता है जबकि इंट्रानेट केवल एक ही संस्थानों के कंप्यूटर आपस में जुड़ा रहता है।
इंटरनेट का लाभ advantage of internet in hindi
चलिए अब इंटरनेट का हमारे दैनिक जीवन में क्या-क्या लाभ है उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं आज के समय में इंटरनेट की आदत इतनी बुरी हो गई है कि लोग इसके बिना रहे नहीं सकते क्योंकि जब से जिओ का सर्विस भारत में आया है तब से इंटरनेट का उपयोग बहुत ज्यादा सिर्फ मनोरंजन के लिए बढ़ गया है।
वैसे तो इसका उपयोग बहुत से कार्य के लिए भी किया जाता है लेकिन युवा पीढ़ी के लोग इसका इस्तेमाल अधिकतर मनोरंजन के लिए कर रहे हैं तो चलिए इसके बारे में जानकारी एकत्र करते हैं।
इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मनोरंजन ऑनलाइन जानकारी देने के लिए किया जा रहा है।
इंटरनेट की सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे समय की बहुत ज्यादा बचत होता है।
इंटरनेट का इस्तेमाल आजकल ऑनलाइन पैसे कमाने के लिए भी किया जा रहा है।
इसके सहायता से मोस्ट पॉपुलर पर्सन के बारे में घर बैठे बैठे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इसके साथ ही इंटरनेट के द्वारा घर बैठे अपना व्यवसाय आसानी से कर सकते हैं।
इंटरनेट की सहायता से आजकल टिकट बुकिंग ऑनलाइन बैंकिंग मोबाइल रिचार्ज पैसे ट्रांसफर करना किसी भी प्रकार की इंफॉर्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह शेयर करना किया जा रहा है।
एजुकेशन के क्षेत्र में इंटरनेट सबसे अहम भूमिका निभा रही है हर कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से कुछ ही समय में आसानी से कर रहे हैं।
इंटरनेट का इस्तेमाल रिसर्च करने में भी किया जा रहा है।
internet के मदद से एक दूसरे से वीडियो कॉल करना कॉमर्स ईमेल दुख सुख गेम इत्यादि कार्य आसानी से किया जा रहा है।
इसका सबसे बड़ा हल्ला भी आएगी आपके हर एक प्रकार के सवालों का जवाब इंटरनेट के पास मौजूद है आप किसी भी प्रकार के सवाल इंटरनेट से पूछ सकते हैं।
इसका इस्तेमाल न्यूज टेक्नोलॉजी साइंस , डाउनलोड , government scheme इत्यादि किया जा रहा है ।
इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी भी जगह पर यदि किसी भी प्रकार की कोई वारदात होती है तो इस प्रकार की इंफॉर्मेशन तुरंत आपके मोबाइल या इंटरनेट पर वायरल कर दी जाती है जिससे सभी लोगों को बहुत ही कम समय में इसकी जानकारी मिल जाती है।
यदि आपके साथ किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार हो रहा है तो आप इसे इंटरनेट पर वायरल कर सकते हैं जिससे आपकी सुरक्षा का इंतजाम किया जा सकता है।
इंटरनेट का हानि disadvantage of internet in hindi
शायद आप लोग जानते हैं कि इंटरनेट का सिर्फ अच्छी तरह से व्यवहार किया जाता है तो आप गलत सोच रहे हैं इसका होनी भी बहुत ज्यादा है यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इंटरनेट से किस प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहता है यदि आप गलत इंफॉर्मेशन प्राप्त करना चाहते हैं तो इंटरनेट पर वह भी बहुत अधिक संख्या में आपको मिलेंगे तो चलिए इंटरनेट के होने के बारे में एक-एक करके जानकारी प्राप्त करते हैं।
internet का सबसे बड़ा हानि यह है कि इंटरनेट की आदत पड जाना, यदि आपको इसकी आदत लग गई है तो आप का समय बर्बाद होगा जिससे आपके भविष्य पर खतरा मंडरा सकता है इसीलिए इसका इस्तेमाल सोच समझकर उचित समय तक ही करें।
इसमें बहुत प्रकार के गलत इंफॉर्मेशन भी रहते हैं उन से बचाएं नहीं तो आप गलत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कहा जाता है कि गलत चीज इंसान को बहुत जल्द समझ में आ जाता है जबकि अच्छी चीज थोड़ा देर से समझ में आता है।
इंटरनेट के जरिए आपका सारा डाटा और आपकी गुप्त जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं करें नहीं तो आपको इसका नुकसान हो सकता है।
हाईकर्स के द्वारा इंटरनेट की मदद से आपके पर्सनल इंफॉर्मेशन को ठेस पहुंच सकता है।
कंप्यूटर वायरस आपके इंटरनेट के जरिए आपके कंप्यूटर तक पहुंच कर आप के डाटा को नष्ट कर सकता है।
इंटरनेट पर गलत चीजें जैसे अश्लील वीडियो अश्लील फोटो पोर्नोग्राफी इत्यादि से बच्चे नहीं तो आप के दिमाग पर बहुत बुरा असर डाल सकता है।
इंटरनेट पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बहुत ही गलत कार्य किए जाते हैं इन सभी कार्यों से आप लोगों को बच कर रहना है।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि बहुत सारे ऐसे वेबसाइट से जो आपके पर्सनल इंफॉर्मेशन को आपके विरुद्ध इस्तेमाल कर सकते हैं।
बहुत अधिक इंटरनेट का इस्तेमाल करना हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक पहुंचा सकता है।
बहुत अधिक इसका इस्तेमाल करने से समय की बर्बादी होती है इससे आपको बचना है।
इंटरनेट का फादर father of internet in hindi
इंटरनेट का फादर robert e kahan और vint cerf कहा जाता है, जो 1974 से प्रकाशित किया जाने लगा, 1970 के अंत में विंटन सिर्फ के द्वारा एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से मिनी नेटवर्क के द्वारा जोड़ने का कारण शुरू किया था उन्होंने इस अविष्कार को ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल के नाम से प्रकाशित किया जिसे बाद में इंटरनेट प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाने लगा फिर समय बीतता चला दिया और हम लोग आज इसे इंटरनेट के रूप में जानते हैं।
इंटरनेट का उपयोग
इंटरनेट के उपयोग के बारे में आप लोग तो जानते ही होंगे आज के आधुनिक युग में लगभग सभी प्रकार का कार्य इंटरनेट के माध्यम से बहुत ही कम समय में आसानी से किया जा रहा है इसका उपयोग के बारे में मैं आप लोगों को क्या बताऊं आप लोग अभी इस पोस्ट को देख रहे हैं या यह जानकारी को प्राप्त कर रहे हैं तो यह भी एक इंटरनेट का उपयोग है चलिए इसके उपयोग के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं वैसे आप लोग तो जानते ही हैं लेकिन फिर भी आप लोगों को इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर दू।
मनोरंजन के लिए
इलेक्ट्रॉनिक मेल भेजने के लिए
research करने के लिए
video अपलोड करने के लिए
किसी से वॉइस और वीडियो कॉल के लिए
frendship के लिए
इलेक्ट्रोनिक अकबरो
job research
shopping के लिए
ऑनलाइन समान बेचना
पैसे कमाना
video photo personal information share करने के लिए
education करने के लिए
गेम खेलने के लिए
नेगेटिव इंफॉर्मेशन के लिए
बिल , रिचार्ज, इंश्योरेंस इत्यादि
विज्ञापन के लिए
बिजनेस के प्रचार के लिए
expose करने के लिए
किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट को बनाना
इत्यादि
इंटरनेट कनेक्शन का कितने प्रकार होते है ?
इंटरनेट कनेक्शन की बात करें तो internet connection बहुत बहुत प्रकार की होती है यदि आप अपने पर्सनल डिवाइस को इंटरनेट के साथ कनेक्ट करते हैं यह सभी कनेक्शन अलग-अलग हार्डवेयर का इस्तेमाल करके इसकी रेंज अलग-अलग और कनेक्शन स्पीड भी अलग-अलग होती है आजकल लोग फास्ट इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहा है तो चलिए इसके कौन से कनेक्शन हम लोगों को बेहतर स्पीड मुहैया कराता है उसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
DSL connection क्या है ?
DSL digital subscriber line इसका फुल फॉर्म होता है यह एक ऐसा इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराता है जो हमेशा on रहता है। इसमें दो लाइन कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें एक कंप्यूटर कनेक्टेड हो रहता है और दूसरा आपका मोबाइल फोन कनेक्ट रहता है डीएसएल एक वायर कनेक्शन हैजो डाटा को ट्रांसलेट करता है एक तार के माध्यम से पहले ही इसे अपने घरों में इंस्टॉल कर दिया जाता है इसका स्पीड लगभग 128kb-8mbps तक होता है ? इसका कनेक्शन की स्पीड लंबाई पर निर्भर करता है।
Cable connection क्या होता है?
Cable connection internet से कनेक्ट होने के लिए केवल मॉडर्न के माध्यम से इंटरनेट से आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है इसमें डाउनलोडिंग और अपलोडिंग का अलग-अलग इंटरनेट स्पीड होता है cable connection का speed 512kB- 20Mbps तक होता है ?
Fibre connection क्या होता है?
Fibre connection fast fibre optic cable directly Apne Ghar ya office तथा री लेबल कलेक्शन प्रदान करता है इसका ब्रॉडबैंड स्पीड 1GB प्रतिशत है तक हो सकता है इसमें एचडी टीवी प्रोग्राम इत्यादि को कुछ ही सेकंड में डाउनलोड करने में सक्षम होता है।
Wireless connection क्या होता है?
वायरलेस कनेक्शन यानी कि वाईफाई या हॉटस्पॉट के द्वारा इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसमें किसी भी प्रकार का केबल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि यह radio-frequency क इस्तेमाल करके इंटरनेट की स्पीड को दर्शाता है वायरलेस कनेक्शन भी हमेशा ओपन नहीं रहता है इसे कहीं से भी कभी भी एक्सेस किया जा सकता है इसकी स्पीड की बात के आ जाए तो 5 एमबी भी प्रति सेकेंड से लेकर 20 एमबी प्रति सेकड तक होती है।
Satellite connection क्या होता है ?
सेटेलाइट कनेक्शन स्पीड 512kb से 2 एमबीपीएस तक होती है, सेटेलाइट कनेक्शन से इंटरनेट का इस्तेमाल करना थोड़ा ढीले कनेक्शन प्रदान करता है क्योंकि यह कनेक्शन पृथ्वी से लेकर के सेटेलाइट तक जाना और सेटेलाइट से पृथ्वी तक आने में थोड़ा बहुत समय लगता है।
Dial up connection क्या होता है?
पहले के समय जमाने में डायलॉग कनेक्शन स्काई इस्तेमाल इंटरनेट चलाने में किया जाता था इसमें एक प्रकार का टेलीफोन लाइन है लगाया जाता है जिससे बहुत सारे यूजरसी एक ही वायर से कनेक्टेड रहते हैं और यही वायर आपके कंप्यूटर के साथ कनेक्ट रहता है जिससे इंटरनेट आसानी से एक्सेस किया जा सकता है लेकिन यदि सभी यूजर्स एक साथ इंटरनेट का यूज करने लगे तो इंटरनेट का स्पीड थोड़ा स्लो हो जाता है यह कनेक्शन बहुत ही सस्ता होता है और बहुत ज्यादा स्लो कार्य भी करता है, इसकी स्पीड की बात किया जाए तो करीब 28 kb से लेकर के 56 kb तक होती है।
FAQ
इंटरनेट क्या है?
Internet एक दूसरे कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया है जो रूटर और सरवर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है जिससे किसी भी प्रकार की इंफॉर्मेशन सर्वर के द्वारा हम लोगों तक आसानी से पहुंच पाता है।
इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते हैं?
इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल कहते हैं।
इंटरनेट का पुराना नाम क्या है?
Internating project
इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ?
1969
इंटरनेट की पहली वेबसाइट कौन है?
Hhttp://info.cern.ch/hypertext/www/theproject.html
इंटरनेट का मालिक कौन है?
Personal कोई भी व्यक्ति नही
इंटरनेट का खोज किसने की?
कई लोगो
भारत में इंटरनेट कब आया?
1980 के बाद
इंटरनेट का आइडिया किसका था?
टीम बर्नर्सल
इंटरनेट का फूल फॉर्म क्या है?
Interconnected network
इंटरनेट का पहला वेबसाइट कब लाइव हुआ था?
6 अगस्त 1991
निष्कर्ष
हमे उम्मीद है कि मेरे टीम द्वारा लिखा गया यह लेख इंटरनेट क्या है what is internet in hindi इसका पूरा जानकारी आसानी शब्दों में आपको बहुत पसंद आया होगा , किसी भी प्रकार के डाउट के लिए कॉमेंट बॉक्स में अवश्य कमेंट करे जिससे किसी भी प्रकार का प्रश्न आपके मन में न रह जाए , हमे अवश्य बताएं कि यह जानकारी आपको कैसा लगा आपके प्रश्न के उत्तर देने के तत्पर हैं,
हमे आशा है कि इंटरनेट क्या है आपको पूरी तरह से समझ में आ गया होगा। यह ब्लॉग का सिर्फ एक ही मकसद है कि आपलोगों को आसान शब्दों में किसी भी प्रकार का जानकारी सही सही मिल सके ।
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