चलिए आज हम लोग बसंत पंचमी यह सरस्वती पूजा पर निबंध के बारे में पूरी विस्तार से चर्चा करती है सरस्वती पूजा क्यों मनाया जाता है इसके पीछे क्या कारण है और बहुत से प्रश्नों के उत्तर इस लेख में आपको मिलेंगे,आपसे उम्मीद है कि आप इसको शुरू से लेकर अंत तक अवश्य आएंगे बसंत पंचमी के इतिहास के बारे में क्या इसे मुस्लिम धर्म के लोग भी मनाते हैं, 

आज इस लेख में आपके मन में सभी प्रकार के उठ रहे प्रश्नों का उत्तर अवश्य मिलेगा हम लोग जानते ही हैं की सरस्वती मां की पूजा किस प्रकार किया जाता है लोकगीत ने धूमधाम से पूरे भारतवर्ष में तथा विदेशों में भी मनाया जाता है तो चलिए बिना देर किए सरस्वती पूजा पर निबंध लिखते हैं। 

सरस्वती पूजा पर निबंध

वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा क्या होता हैं? 

सरस्वती पूजा हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार में से एक है लोग इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और लोग अपने स्कूल और नीचे स्थानों पर मां सरस्वती की आराधना करता है खासकर याद देवार विद्यालय में मनाया जाता है और लोग अपनी समस्याओं का निवारण हेतु सरस्वती मां की पूजा अर्चना करता है,

सरस्वती मां को विद्या की देवी भी कहा जाता है और आजकल या प्रभु पूर्वी भारत और बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका एवं अन्य देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है पुराने समय में इसे पंचमी ऋषि से उल्लेखित किया गया है इसका निर्माण बसंत ऋतु में जहां तितलियां मनाने लगता है हर एक तरफ हरे-भरे मौसम रहता है और माघ महीने के 5 दिन बाद विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है जिसे बसंत पंचमी कहा जाता है। 

बसंत पंचमी की पौराणिक कथा 

चलिए अब बसंत पंचमी की औरों क कथा के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं उपनिषद के अनुसार यह कथा निर्माण किया गया है क्योंकि उपनिषद में इस प्रकार के कथे वरनीत किए गए हैं जब भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया तो उन्हें कुछ सुनाई नहीं देता था सारे सृष्टि में एक सन्नाटा पसरा हुआ था

 इसके निवारण के लिए ब्रह्मा जी ने अपने हथेली में कमंडल काजल लेकर भगवान विष्णु का अनावरण किया तब भगवान विष्णु वहां प्रकट हो गए और भगवान विष्णु ने आदिशक्ति दुर्गा का आव्हान किया माता दुर्गा तुरंत ही उसके सामने प्रकट हो गए तब भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा जी ने इस विचार को हल करने का विकल्प रखा,

 इसके बाद माता दुर्गा ने उसे जाना अपने शरीर से श्वेत तेज उत्पन्न करवाया जो एक नारी का रूप ले लिया इसकी एक हथेली में एक भी ना और दूसरे हाथों में वर मुद्रा था एवं अन्य दो हाथों में पुस्तक एवं माला था इसके बाद इन्होंने बिना से मधुर स्वर सुनाया और इसके कारण संसार में सभी जीव जंतुओं को बानी प्राप्त हुए जल में स्वर पवन में स्वर इत्यादि का निर्माण हुआ तब सभी देवी देवताओं ने मिलकर उस शब्द निर्माण करने वाली देवी को आदेश ठाणे देवी सरस्वती देवी कहा,

 फिर दुर्गा माता ने कहा कि मेरे तेज से जन्मी सरस्वती है ब्रह्मा जी की पत्नी होगी जिस प्रकार लक्ष्मी विष्णु की पत्नी है पार्वती महादेव की पत्नी है ठीक उसी प्रकार सरस्वती देवी भी ब्रह्मा जी की पत्नी होगी इसके बाद उन्हें कई नाम दिए गए जो इस प्रकार है बागेश्वरी भगवती शारदा वीणा वादिनी बाग देवी इत्यादि अनेक प्रकार के नाम से पुकारा जाने लगा आजकल हम लोगों के पास जो बुद्धि चेतना विचार वाणी है,

यह सभी देवी सरस्वती की कृपा से ही है फिर भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर सरस्वती मां को या वरदान दिया कि बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी जो आज तक सरस्वती मां की पूजा की परंपरा चली आ रही है। 

बसंत पंचमी का महत्व क्या है? 

हम लोग जानते हैं कि वसंत ऋतु के प्रवेश करते हैं एकदम प्रकृति के लूटता है हर एक तरफ हरा भरा एवं सुंदर दृश्य बन जाता है लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ सरस्वती देवी की पूजा करती है जिस प्रकार विद्वानों का संबंध किताब से है ठीक उसी प्रकार कलाकारों का संबंध सरस्वती देवी से इसके साथ ही गुजरात मध्य प्रदेश शबरी माता का मंदिर आज भी मौजूद है,

जहां श्री राम ने शबरी माता के हाथ से झूठा बेर खाया था दरअसल श्री राम शबरी माता के आश्रम में बसंत पंचमी के दिन ही गए थे इसलिए आज तक बसंत पंचमी का पर्व शबरी माता के मंदिर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है सिखों के अनुसार बसंत पंचमी का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का विवाह हुआ था,

और भारत के इतिहास में 1192 इस दिन में पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच 17 बार लड़ाई हुई थी जिसमें 16 बार मोहम्मद गौरी को हराया गया था और हर आने के बाद प्रत्येक बार पृथ्वीराज चौहान ने उसे माफ कर दिया लेकिन एक बार पृथ्वीराज चौहान इस युद्ध में हार गया और मोहम्मद गौरी ने उसे शब्दभेदी बाण जांचने के लिए बंधक बनाकर अपने किला पर ले गए और उसकी दोनों आंखें फोड़ दी जिसका एक फिल्म पृथ्वीराज चौहान का किरदार अक्षय कुमार ने निभाया है आप उसे जाकर देख सकते हैं,

जिसमें शब्दभेदी बांध को जांचने के लिए उसके दान दोनों आंखों को फोड़ दिया पृथ्वीराज चौहान ने शब्दभेदी बाण का प्रयोग करके मोहम्मद गौरी को मृत्यु का घाट उतार दिया यह घटना बसंत पंचमी के दिन ही हुआ है भारत के इतिहास में ऐसे बहुत से घटनाएं हैं जो बसंत पंचमी के दिन हुआ है बसंत पंचमी के दिन हो गए घटनाओं को भारतीय इतिहास में काफी रोचक माना जाता है। 

बसंत पंचमी में पीले रंग के कपड़े का क्या महत्व है। 

बसंत पंचमी के दिन देश के कई शहरों और कस्बों और विद्यालय में सरस्वती माता का पूजा अर्चना किया जाता है जिसमें सभी लोग बुद्धिमान और ज्ञानवान होने की प्रार्थना करता है इस दिवस के मौके पर पीले रंग का बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है जिसका सीधा संबंध फसल के पकने से और फूल देने से है।

 इसके साथ इसी दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है इसमें फूल खिलने लगता है सरसों के खेतों में पीले फूल बनाने लगते हैं गेहूं और जौ की बालियां निकलने लगते हैं रंग बिरंगी तितलियां इधर-उधर उड़ने लगते हैं इसी पावन पर्व को लोग बसंत पंचमी के नाम से जानते हैं दरअसल इसका महत्व बहुत ही अधिक होता है,

 क्योंकि बसंत ऋतु को ऋतु का राजा भी कहा जाता है इसमें प्रकृति का बदलाव बड़े ही अच्छी तरीका से होने लगता है एवं मौसम सुहावने लगने लगते हैं आसान शब्दों में कहें तो इस दिन बसंत ऋतु का आगमन होता है जिसमें लोग पीले कपड़े पहनकर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां की आराधना करता है। 

बसंत पंचमी में पूजा का क्या महत्व है। 

बसंत पंचमी में पूजा का महत्व माघ की पंचमी जब से प्रारंभ होता है उसी दिन देवी सरस्वती माता की जयंती के रूप में मनाते हैं इस पूजा-अर्चना में लोग अपने अपनी भावनाओं को सरस्वती माता के निकट प्रस्तुत करता है इससे बुद्धि और ज्ञान की अर्चना पूरे धूमधाम से मनाता है दरअसल यह त्यौहार मुख्य रूप से बिहार पंजाब बंगाल उड़ीसा उत्तर प्रदेश दिल्ली महाराष्ट्र मध्य प्रदेश लगभग भारत के सभी प्रांतों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है

 यहां तक कि इसे विदेशों में भी मनाया जाता है लोगों का मानना यह है कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता का पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है लोगों को उनके प्रति जागरूक किया जाता है उनसे अपनी भावनाओं और कष्टदायक परिस्थितियों का विचार करते हैं यह दिन बड़ा ही खास होता है जिसमें किसान भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं अपनी फसलों के आगमन की खुशी में। 

बसंत पंचमी कैसे मनाया जाता है। 

बसंत पंचमी के त्यौहार को मौसम त्योहार के रूप में भी जाना जाता है इसे कई प्रकार से पैरों मानवीय कथाओं के अनुसार मनाया जाता है बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की प्रतिमा की पूजा की जाती है और पुष्प कमल अर्पित किए जाते हैं लोग अपने ज्ञान को वृद्धि करने के लिए कमल कलम कॉपी एवं पुस्तक की पूजा करते हैं,

 और इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि सभी कार्य पीले रंग के वस्त्र पहनकर किए जाते हैं इस त्यौहार को किसान लोग भी बड़े धूमधाम से मनाते हैं बसंत पंचमी के दिन दान देने की प्रथा भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है इस दिन वस्त्र दान अन्न दान शिक्षा दान आदि गरीब लोगों के लिए किया जाता है भारत के गुजरात प्रांत में गरबा नृत्य का आयोजन करके सरस्वती माता की पूजा की जाती है इसके साथ ही बंगाल में बसंत पंचमी बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल में संगीत कला को बहुत ही महत्व दिया जाता है,

भारत के पंजाब में इस दिन पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है जिसकी शुरुआत महाराणा रणजीत सिंह ने किया था जो अभी तक चला आ रहा है माना जाता है कि यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे मुस्लिम इतिहास में भी मनाया जाता रहा है।

इसके साथ बसंत पंचमी के दिन पवित्र स्थान तीर्थ स्थानों का दर्शन करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है पवित्र नदियों में स्नान करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इस पावन अवसर पर कई जगहों पर मेला का भी आयोजन किया जाता है जिसमें कई प्रकार के मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाते हैं। 

Saraswati puja wishes photo 

























सरस्वती पूजा से संबंधित श्लोक 

        या देवी सर्वभूतेषु , विद्या रूपेण संस्थिता '

          नमस्तस्ए  नमस्तस्ए     नमो    नमः "

वसंत पंचमी पर कविता poem on saraswati puja festival 

आई रे आई , बसंत ऋतु है आई '

चारों  और बसंत  बहार  है  छाई "

कोयल की आवाज फैली है बागों में,

पतझड़ बीता बाहर छाई है बागों में 

मीठी मीठी सी ठंडक लगती है सुहानी,

खेतों में लहराती सरसों एवं मक्का की बाली

हर  तरफ  है  शोर संगीत   का    वादान, 

माता सरस्वती का संगीतमय अभिवादन

ऐसी  है  बसंत    ऋतु    की    सौगात 

सजी  है धरती  पर   सुहावनी   बारात " 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

वसंत पंचमी 2023 में कब है? 

26 january

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त क्या है? 

सुबह 7:00 - 12:34 तक 

वसंत पंचमी के दिन किस रंग का महत्व है? 

पीला 

वसंत पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं? 

इस दिन बसंत ऋतु का आगमन होना 

वसंत पंचमी के दिन किस रंग का कपड़ा पहनते है? 

पीला रंग का कपड़ा

वसंत पंचमी का उपनाम क्या है? 

सरस्वती पूजा / श्री पंचमी 

वसंत पंचमी किस धर्म के लोग मानते है? 

हिंदू 

वसंत पंचमी कब मनाया जाता है? 

माघ शुक्ल पंचमी  

क्या सरस्वती पूजा मुस्लिम धर्म के लोग मानते हैं? 

हां बिलकुल 

निष्कर्ष

हमे उम्मीद है कि मेरे टीम द्वारा लिखा गया यह जानकारी वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा पर निबंध आपको बहुत पसन्द आया होगा हमे कमेंट करके अवश्य बताएं कि यह लेख आपको कैसा लगा इसके साथ इसे अपने दोस्तों के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर जरूर करें और इससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए कमेंट बॉक्स में कमेंट अवश्य करें प्रश्न अवश्य पूछे 

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