भाई जैसा

 बादशाह अकबर तब बहुत छोटे थे जब उनकी मां का देहांत हुआ था चुकी वह बहुत छोटे थे इसलिए उन्हें मां के दूध की दरकार थी महल में तब एक दासी रहती थी जिसका शिशु भी दूधमुंहा था । वाह नन्हे अकबर को दूध पिलाने को राजी हो गई दासी का वह पुत्र एवं अकबर दोनों साथ सथ दासी का दूध पीने लगा दासी के पुत्र का नाम था हुसिफ चुकी हुसीफ एवं अकबर ने एक ही स्त्री का दुग्ध पान किया था इसलिए वह दूध भाई हो गए थे अकबर को भी उसी से लगाव था समय बीतता रहा ।

अकबर बादशाह बन गए और देश के सर्वाधिक शक्तिशाली सम्राट बने लेकिन हुसिफ एक मामूली दरबारी तक ना बन पाया उसकी मित्रता जुआरियों के साथ थी और कुछ ऐसे लोग भी उसके साथ ही थे जो पैसा फिजूल बाया करते थे।

एक समय ऐसा आया जब हूसिफ के पास दो समय के भोजन के लिए भी पैसे ना था। लोगों ने तब उसे बादशाह के पास जाने को कहा हुसिफ ने बादशाह अकबर के पास जाने की तैयारी शुरू कर दी दरबार में पहुंचते ही बादशाह ने उसे ऐसे गले लगाया जैसे उसका सगा भाई ही हो लंबे अरसे के बाद उसी को देख बादशाह बहुत खुश थे । उन्होंने उसकी हर संभव सहायता करनी चाही ।

हुसीफ को अकबर ने दरबार में नौकरी दे दी रहने के लिए बड़ा मकान नौकर चाकर गाड़ी घोड़ा  दिय निजी खर्च के लिए एक मोटी रकम हर महीने उसको मिलती थी अब उसी की जिंदगी अमन चैन से गुजर रही थी उसे किसी चीज की कोई कमी ना थी 

यदि तुम्हारी कुछ और जरूर दें हो तो बेहिचक का डालो सब पूरी की जाएगी बादशाह ने उससे कहा तब उसने जवाब दिया आपने अब तक जितना दिया है वह काफी है शाही जीवन बिताने को बादशाह सलामत। आपने मुझे इज्जत बख्शी सर उठा कर चलने की हैसियत दी मुझसे ज्यादा खुश और कौन होगा मेरे लिए यह भी फक्र की बात है की देश का सम्राट मुझे अपना भाई मानता है और क्या चाहिए हो सकता है मुझे करते हुए उसने सिर खुजाया 

, होठों पर एहसान भरी मुस्कान थी लेकिन लगता था उसे कुछ और भी चाहिए था वह बोला मैं महसूस करता हूं कि बीरबल जैसे बुद्धिमान व योग्य व्यक्ति के साथ रहा हूं मेरी ख्वाहिश है कि जैसे बीरबल आपका सलाहकार है वैसे ही मुझे भी कोई सलाह देने वाला हो बादशाह अकबर ने उसकी यह इच्छा भी पूरी करने का फैसला किया उन्होंने बीरबल को बुलाकर कहा 

हुसिफ मेरे भाई जैसा है मैंने उसे जीवन के सभी ऐसो आराम उपलब्ध करा दिए हैं लेकिन वह अब तुम्हारे जैसा योग्य सलाहकार चाहता है तुम अपने जैसा बल्कि यह समझो कि अपने भाई जैसा कोई व्यक्ति लेकर आओ जो हुसीफ का मन बहला  सके । वाह बातूनी ना हो पर जो भी बोले नपा तुला बोले उसकी बात का कोई मतलब होना चाहिए समझ गए ना कि मैं क्या चाहता हूं।

पहले तो बीरबल समझ ना पाया की बादशाह ऐसा क्यों चाहते हैं उसे हुसिफ  में ऐसी कोई खूबी दिखाई ना देती थी बीरबल बोला जी हुजूर आप चाहते हैं कि मैं ऐसा आदमी खोज कर लाऊं जो मेरे भाई जैसा हो । 

बादशाह ने कहा , ठीक समझे हो।

अब बीरबल सोचने लगा कि ऐसा कौन हो सकता है जो उसके भाई जैसा हो हुसिफ  भाग्यशाली है जो बादशाह उसे अपना भाई मानते हैं और उसे सारे ऐसो आराम उपलब्ध करा दिए हैं लेकिन बीरबल को हुसिफ कि यह  मांग नहीं जंची की उसके पास भी बीरबल जैसा सलाहकार हो। 

बादशाह बेहद सम्मान करते थे बीरबल का और बीरबल भी बादशाह पर जान छिड़कता  था लेकिन हुसिफ तो इस लायक का नहीं था अभी बीरबल सोच ही रहा था कि समस्या को हल कैसे किया जाए तभी पास की पशुपालन से सांड के रंभाने की आवाज आई । बीरबल तुरंत खड़ा हो गया आखिरकार उसे अपने भाई जैसा कोई मिल ही गया था।

अगले दिन उस सांड के साथ बीरबल महल में जाकर अकबर के सामने खड़ा हो गया 

तुम अपने साथ इस सांड को लेकर यहां क्यों आए हो अकबर ने पूछा बीरबल ने कहा यह मेरा भाई है बादशाह सलामत बीरबल बोला हम दोनों एक ही मां का दूध पीकर बड़े हुए हैं गौ माता का दूध पीकर इसलिए यह साड मेरे भाई जैसा है दूध भाई।

यह बोलता भी बहुत कम है जो इसकी भाषा समझ लेता है उसे यह कीमती  सलाह भी देता है इसे हुसिफ को दे, मेरे जैसा सलाहकार पाने की उसकी इच्छा पूरी हो जाएगी। 

बीरबल का यह उत्तर सुनकर अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ तब उन्हें लगा कि जैसे उन जैसा कोई दूसरा नहीं, वैसे ही बीरबल भी एक ही है ।



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