असली जांच

 बेहद मजबूत रक्षा कवच बनाने में एक लोहार को महारत हासिल थी।

एक दिन किसी बात को लेकर उस लोहार की अकबर के कुछ दरबारियों से कहासुनी हो गई दरबारियों ने बदला लेने के लिए लोहार के खिलाफ बादशाह के कान भरने शुरू कर दिए।

एक दिन लोहार बेहद सुंदर व मजबूत कवच लेकर दरबार में आया और बादशाह को वह कबच दिखाया । 

तभी एक दरबारी बोल पड़ा पहले इस कवच को जांच लेना चाहिए कि मजबूत भी है या लोहारी यूं ही कुछ उठा लाया है तलवार का एक भरपूर वार करके इस कवच की मजबूती परख की जा सकती है। 

दरबारी की बात से बादशाह भी सहमत थे ।

उन्होंने कवच को जमीन पर रखा और उस पर तलवार का भरपूर प्रयोग किया वार पढ़ते ही कवर दो हिस्सों में टूट गया कवच की या हालत देख बादशाह को क्रोध आ गया वह बोले निकल जाओ यहां से अगली बार यदि तुमने धोखा देने की कोशिश करी तो सूली पर लटका दिए जाओगे बेचारा लोहार अपना मुंह लेकर दरबार से चला गया। 

चिंता में डूबा लोहार सोच रहा था कि इस घटना ने तुम मेरे लिए दरबार का रास्ता ही बंद कर दिया अब मुझे कोई काम नहीं देगा मैं तो भूखे मर जाऊंगा।

लेकिन लोहार की पत्नी ने उससे कहा की बेवजह की चिंता छोड़ बीरबल से जाकर मिलो वह बहुत दयालु है निश्चय ही तुम्हारी सहायता अवश्य करेंगे।

लोहार तुरंत बीरबल से मिलने चल दिया उसने सारी घटना बीरबल को कह सुनाई वैसे भी बीरबल उस समय दरबार में मौजूद था जब यह घटना घटी थी वह बोला कोई भी खबर चाहे कितना भी मजबूत क्यों ना हो उस समय शार्तिया टूट जायेगा , जब जमीन पर रखकर उस पर तरवाल से वार किया जाए तुम चिंता मत करो जैसा मैं कहता हूं वैसा करो फिर बीरबल ने कुछ समझा कर लोहार को विदा कर दिया ।

कुछ दिन बाद लोहार एक और मजबूत खबर लेकर दरबार में जा पहुंचा और बोला बादशाह सलामत इस बार में बेहत मजबूत कवच बनाकर लाया हूं आप चाहे तो इसे रख सकते हैं।

बरसाने कवच अपने पास मंगवा लिया।

तब लोहार बोला हुजूर कवच की मजबूती की परख तो शरीर पर पहनने के बाद ही होती है मैं इस कवच को पहन लेता हूं यदि यह तलवार के वार से टूट गया तो निश्चित ही मुझे भी चोट लगेगी और हो सकता है मैं मर भी जाऊं वैसे भी तब मेरे जीने का क्या फायदा जब मैं अपना काम बखूबी ना निभा पाऊं।

व्हाट्सएप तुरंत समझ गए कि लोहारा अपनी जुबान नहीं बोल रहा है जरूर इसके पीछे बीरबल का हाथ है ।

उन्होंने बीरबल की ओर देखा तो वह मुस्कुरा रहा था।

तब बादशाह ने खजांची को बुलाकर कहा कि लोहार को सोने के 100 सिक्के दिया जाए।

यह सुनकर इश्यालु दरवारियो के सिर शर्म से झुक गए थे

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